हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों में अक्षय तृतीय को युगादि तिथि कहा गया है। इस दिन से कई युगों का आरंभ हुआ है और भगवान विष्णु के कई अवतार भी हुए हैं। इस दिन सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ हुआ है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का भी अवतार हुआ है। इसलिए अक्षय तृतीया का धार्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। इस साल अक्षय तृतीया का पर्व 22 अप्रैल को है। इस बार अक्षय तृतीया बेहद खास मानी जा रही है। दरअसल, इस साल अक्षय तृतीया पर सात शुभ योग बन रहे हैं।
अक्षय तृतीया पर शुभ योग और मुहूर्त
अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है इस दिन उच्च के चंद्रमा होंगे वृष राशि में होंगे। साथ ही इस दिन आयुष्मान योग होगा, शुभ कृतिका नक्षत्र रहेगा (नक्षत्र स्वामी सूर्य है), सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग रहेगा। अक्षय तृतीया तिथि का आरंभ 22 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 50 मिनट से आरंभ होगी और 23 तारीख को सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक रहेगी।
आप मात्र 5 रुपए की चीज घर में रखकर शुभता प्राप्त कर सकते हैं।
1। मिट्टी का दीपक : मिट्टी की महत्ता सोने के बराबर है। अगर सोने की खरीदी न कर सके तो मिट्टी का कोई भी पात्र या मिट्टी का एक छोटा दीपक भी अक्षय तृतीया के दिन घर में शुभता ला सकता है।
2। मौसमी फल : अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में मौसम के रसीले फल रखना भी शुभ होता है। आप कम से कम कीमत में अच्छे फल रख सकते हैं।
3। कपास : अक्षय तृतीया पर 5 रुपए की कपास यानी रुई भी रखी जा सकती है।
4। नमक : अक्षय तृतीया पर सेंधा नमक घर में रखना शुभ माना जाता है। लेकिन इस नमक का सेवन कतई न करें।
5। पीली सरसो : मुट्ठी भर पीली सरसो रखने से मां लक्ष्मी का आशीष मिलता है।